सदियाँं बदली युग बदले । बदल गए जीवन के मायने। सदियाँं बदली युग बदले । बदल गए जीवन के मायने।
तुझे क्यों बनाया था और तूने क्या कर के छोड़ दिया। सोचा था तू सब को करीब लाएगा, तूने तुझे क्यों बनाया था और तूने क्या कर के छोड़ दिया। सोचा था तू सब को करीब ला...
ओ यारों कुछ तो शर्म करो. ओ यारों कुछ तो शर्म करो.
मैं ही ढाल बन तुम्हारी, ज़िंदगी और मौत के बीच खड़ा हूँ! मैं ही ढाल बन तुम्हारी, ज़िंदगी और मौत के बीच खड़ा हूँ!
तुम्हारी अपनी देह है ही कहाँ, सबके अपने अपने सांचे, जिनमे ढलती रही! तुम्हारी अपनी देह है ही कहाँ, सबके अपने अपने सांचे, जिनमे ढलती रही!
कुदरत की बनायी सभी रचनाए.... कुदरत की बनायी सभी रचनाए....